पुरुषों के लिए 11 सबसे ताकतवर जड़ी बूटी जो बनाये बिस्तर पर पावरफुल most powerful herb

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सबसे ताकतवर जड़ी बूटी के फायदे

इस लेख के माध्यम से सबसे ताकतवर जड़ी बूटी (most powerful herb) कौन सी है। इसका किस प्रकार से उपयोग किया जाता है। इन जड़ी बूटीयों के उपयोग से हमारे शरीर को क्या लाभ होता है। आइए जानते हैं कि वह कौन सी ताकतवर जड़ी बूटियां हैं। (sabse takatwar jadi buti)

sabse takatwar jadi buti- सबसे ताकतवर जड़ी बूटी या फिर कह सकते हैं कि सबसे ताकतवर औषधि अश्वगंधा, शतावर, सालम मिश्री, गोक्षुरा, सफेद मूसली, शिलाजीत, सालम पंजा, विदारीकंद, काली मूसली और सबसे महंगी कीड़ा जड़ी बूटी जिसे हिमालय वियाग्रा के नाम से भी जाना जाता है।

अश्वगंधा जड़ी बूटी के बारे में पढ़े Clicke Here

1. दुनिया की सबसे ताकतवर जड़ी बूटी अश्वगंधा 

  • अश्वगंधा जड़ी बूटी क्या है? (What is Ashwagandha Herb?)

अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसकी ताजा पत्तियों और जड़ में घोड़े के मूत्र की गंध आती है, और संस्कृत में घोड़े को अश्व कहा कहां जाता है। इसलिए इसका नाम अश्वगंधा पड़ गया। इसकी पत्तियां अंडे कार होती हैं। और फूल का रंग हरा पीला होता है। साथ ही इसके फूल 5 किस्मों में लगे होते हैं। 

यह दुनिया की सबसे ताकतवर जड़ी बूटियों में से एक है। इसके कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हैं। इसका इस्तेमाल देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में किया जाता है और बॉडी बिल्डिंग के लिए भी इसके फायदे देखे जा सकते हैं।

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  • अश्वगंधा बॉडी बिल्डिंग के लिए। 

यह एक एनर्जी बूस्टर है, जो शरीर को बीमारियों से बचाता है, और आप कभी बीमार नहीं पड़ते। दुबले पतले शरीर से छुटकारा दिलाने में और बॉडी बनाने के लिए, अश्वगंधा का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इसके नियमित सेवन से तेजी से वजन बढ़ता है, साथी टेस्टोस्टेरॉन लेवल बढ़ाने में मदद मिलती है।

इसका सेवन करना मसल्स की ग्रोथ के लिए फायदेमंद माना जाता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से तेजी से मसल्स गेन होती है, और शरीर को दुबले-पतले पन से छुटकारा मिलता है। इसलिए इसकी गिनती दुनिया की सबसे ताकतवर जड़ी बूटी में की जाती है

  • हिमोग्लोबिन की कमी को दूर करता है।
  • अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए। 

इसके सेवन से पुरुषों में संभोग शक्ति बढ़ती है यह शरीर में वीर्य को तेजी से बढ़ाने का काम करता है। जिससे विवाहित पुरुषों की सेक्सुअल लाइफ बेहतर होती है।

  • अश्वगंधा अनिद्रा की समस्या को दूर करता है। रात में सोने से पहले पानी या दूध के साथ इसका सेवन करने से अच्छी नींद आती है तथा अनिद्रा की समस्या दूर होती है।
  • गठिया की समस्या के लिए अश्वगंधा एक लाभकारी जड़ी बूटी है इसके सेवन से गठिया रोग दूर होता है।
  • तनाव चिंता को दूर करने में अश्वगंधा के फायदे देखे जा सकते हैं। अगर आप स्टूडेंट हैं, बिजनेसमैन है, या फिर किसी भी प्रकार का चिंता तनाव वाला काम करते है, तो अश्वगंधा का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह चिंता और तनाव की समस्या से छुटकारा दिलाने में लाभकारी माना जाता है।

शरीर में रक्त बढ़ाने के लिए अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है। इसमें मौजूद आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करते है। जो एनेमिया जैसे खतरे से बचाव में सहायक माने जाते हैं। यह भी पढ़े अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए

2. ताकतवर शतावर जड़ी बूटी

(Mighty Asparagus Herbs)

  • इस जड़ी बूटी का सेवन करना दुबले पतले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसका सेवन रात में सोने से पहले किया जाये तो अच्छी नींद आती है, जो हमारी मसल्स को रिकवर करने में फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि नींद के दौरान हमारे हार्मोन बैलेंस होते हैं। जिस वजह से मसल्स अच्छे से रिकवर होती है।
  • शतावर डाइजेशन को ठीक करने में उपयोगी माना जाता है। इसके सेवन से पाचन से संबंधित समस्या दूर होती है, यदि पाचन क्रिया ठीक हो तो खाया हुआ अच्छे से शरीर में लगता है, और बॉडी बनाने के लिए पाचन क्रिया का ठीक होना बहुत ही जरुरी है। 
  • शतावर स्ट्रेस को दूर करने में भी उपयोगी मानी जाती है। जो मसल्स बिल्डिंग के लिए भी लाभकारी होती है। यदि बॉडी बिल्डिंग के दौरान स्ट्रेस की समस्या से जूझ रहे हैं, तो मसल्स गेन करना काफी कठिन होता है। स्ट्रेस नॉर्मल स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता।
  • टेस्टोस्टरॉन लेबल को बढ़ाने में मदद करता है सतावर का नियमित सेवन से बॉडी बनाने और शरीर में ताकत लाने में फायदे देखे जा सकते है। 

सतावर के यह सभी फायदे इनडायरेक्ट बॉडीबिल्डिंग में सहयोग करते है. यह भी पढ़े शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए

3. ताकतवर सालम मिश्री जड़ी बूटी

(Mighty Salam Mishri Herbs)

  • सालम मिश्री एक ऐसी जड़ी बूटी है, जिसे आयुर्वेदिक वियाग्रा भी कहा जाता है। इस जड़ी बूटी का असली नाम खोस्योतो सालब उल मिश्र है। इसका आयात मिश्र देश से किया जाता है यह मिश्री की तरह बिल्कुल भी मीठी नहीं होती है। इसका अपना कोई स्वाद नहीं होता।
  • सालम मिश्री का सेवन  सुबह-शाम गर्म दूध के साथ करने से शरीर में कई स्वास्थ्य लाभ देखे जा सकते हैं, और जो लोग सपन दोष और धात रोग से पीड़ित हैं वह ठंडे दूध के साथ इसका सेवन करें।
  • सालम मिश्री के सेवन से स्पर्म क्वालिटी बेहतर होती है। साथ ही शारीरिक कमजोरी दूर होती है। मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए इसे आयुर्वेद की कई दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है।

इसके सेवन से कमर मजबूत होती है। जिन लोगों की कमर कमजोर है। उनके लिए इसका सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।

सालम मिश्री खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि यह महंगा होने के कारण मार्केट में नकली भी बेचा जा रहा है। इसकी पहचान का आसान तरीका सालम मिश्री का टुकड़ा लेकर धूप या रोशनी में देखें अगर आरपार हल्का-हल्का दिखता है, तो यह असली सालम मिश्री होती है। नकली सालम मिश्री में आर पार नहीं दिखाई देगा, क्योंकि यह प्राकृतिक नहीं होती है। इसे मैंदे आटे और मिश्री डालकर कलर करके बनाया जाता है। जिसके सेवन से आपको किसी प्रकार का कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं होगा।

4. गोक्षुरा जड़ी बूटी 

गोक्षुरा (Gokshura Herb) एक ताकतवर जड़ी बूटी है, जिसे बॉडी बिल्डिंग मैं भी इस्तेमाल किया जाता है। यह नेचुरल तरीके से शरीर में टेस्टोस्टरॉन लेवल को बूस्ट करने में मदद करती है। जिससे तेजी से बॉडी बनती है, और शरीर में ताकत आती है। अगर इसका सेवन अश्वगंधा के साथ किया जाए तो इसका दुगना लाभ देखा जा सकता है।

इसका सेवन रात में सोने से पहले एक गिलास दूध के साथ किया जा सकता है। जो लोग 25 साल से कम उम्र के हैं। वह इसका सेवन ना करें क्योंकि उनके शरीर में ऑलरेडी टेस्टोस्टरॉन लेवल अच्छा रहता है। यह 25 से ऊपर के उम्र वालों के लिए फायदेमंद होता है। यह भी पढ़े गोखरू के फायदे उपयोग

5. सफेद मूसली

सफेद मूसली (White Muesli) का सेवन करना योन शक्ति बढ़ाने के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। साथ ही शारीरिक कमजोरी को दूर करने में और टेस्टोस्टरॉन लेवल को बूस्ट करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल देस ही नहीं बल्कि दुनिया भर में बॉडी बिल्डिंग के लिए किया जाता है। इसके अलावा सफेद मूसली का सेवन स्टेमिना बढ़ता है, जिससे ज्यादा देर तक एक्सरसाइज करने की शक्ति मिलती है। यह भी पढ़े सफेद मुसली के फायदे पुरुषों के

6. शिलाजीत जड़ी बूटी

शिलाजीत (shilajit herb) पहाड़ों से प्राप्त किया जाता है। इसे पहाड़ों का पसीना भी कहा जाता है। यह पहाड़ों से निकलने वाला गोंद या तार है। इसमें पहाड़ों पर पाई जाने वाली चट्टानों, पेड़ और पौधों के खनिज मौजूद होते हैं। यह हिमालय और तिब्बत के पहाड़ों में ज्यादा पाया जाता है। इसे निकालने के दौरान इसमे डस्ट मौजूद होती है। जिसे फिल्टर करके निकाल दिया जाता है। 

आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत एक ऐसी जड़ी बूटी है जो शरीर की सातों धातुओं रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि मज्जा और शुक्र पर तेजी से असर करती है।

शिलाजीत का प्रयोग पुरुषों की शारीरिक कमजोरी को दूर करने के साथ-साथ कई प्रकार की बीमारियों मैं भी किया जाता है। इसमें 85 प्रकार के न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। जो मल्टीविटामिन का भी काम करते हैं। इसीलिए इसे मल्टीविटामिन से भी रिप्लेस किया जा सकता है।

शिलाजीत में फुलविक एसिड की मात्रा अधिक पाई जाती है। यह एक ऐसा एसिड है, जो इसे पावरफुल बनाता है, साथ ही शरीर में सेल्यूलर मेम्रोन्स के सहारे आसानी से गुजर जाता है। और बाकी औषधियों की तुलना में इसका रिजल्ट जल्दी देखने को मिलता है।

इसके कुछ ही दिनों के सेवन से हमारी त्वचा, दिमाग, बाल और कई प्रकार के समस्या को कम करने में देखा जा सकता है। यह शरीर की कमजोरी दूर करने के साथ-साथ तनाव को कम करने में भी लाभकारी होता है। जो लोग थका थका महसूस करते हैं। दिनभर आलस आता है, शिलाजीत का सेवन करना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है।

  • एक दिन में एक व्यक्ति 600 एमजी की मात्रा में शिलाजीत का सेवन कर सकता है एक बार में इसकी मात्रा 150mg  से 250mg ली जा सकती है। 18 साल से कम उम्र के लोग बताई गई मात्रा का आधार सेवन कर सकते है। इससे अधिक मात्रा का सेवन करने से बचे। शिलाजीत को हल्के गुनगुने दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है। इसके सेवन के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें।
  • किन लोगों शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए। 

12 साल से कम उम्र के बच्चे और प्रेग्नेंट महिला को शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए। 

  • जिन लोगों के शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ी हुई है। उन्हें शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • दिल के मरीज और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन या बुखार से पीड़ित हैं। तो शिलाजीत का सेवन ठीक हो जाने तक ना करें।
  • शिलाजीत की तासीर गर्म होती है। इसीलिए गर्मी के मौसम में इसका ज्यादा सेवन ना करें। सप्ताह में 3 दिन और एक दिन छोड़कर सेवन करें।
  • सर्दियों में आप इसका सेवन प्रतिदिन कर सकते हैं साथ ही 3 महीने से ज्यादा इसका सेवन ना करें बीच में 1 महीने का गैप जरूर दें। यह भी पढ़े शिलाजीत के फायदे

7. सालम पंजा जड़ी बूटी

  • सालम पंजा (Salmon Claw Herbs) एक शुक्रवर्धक औषधि है। इसका लेटीन नाम ऑर्किस सलेक्टिव फोलिया है। यह दिखने में हाथ के पंजे की तरह होती है। इसकी और भी प्रजातियां पाई जाती है, जैसे सालम गट्टा और सालम मिश्री। यह पहाड़ी क्षेत्रों में 8000 से 12000 कि फीट पर पाई जाती है।
  • सालम पंजा दुबले पतले कमजोर व्यक्तियों के लिए वरदान है। इसके सेवन से शारीरिक कमजोरी को दूर किया जा सकता है, और शरीर को हष्ट पुष्ट बनाया जा सकता है।
  • सालम पंजा में एंटी एजिंग गुण मौजूद होते हैं। जो बढ़ती उम्र के लक्षण को कम करने में सहायक माने जाते हैं। इसके प्रतिदिन सेवन से त्वचा की झुर्रियां को कम करने में मदद मिलती है।
  • 10 ग्राम सालम पंजा का चूर्ण और 30 ग्राम बदाम 250ml दूध के साथ खीर बनाकर 15 से 20 दिन सेवन करने से किसी भी प्रकार की शारीरिक दुर्बलता दूर होती है।
  • असली सालम पंजा की पहचान 

नकली और मिलावटी सालम पंजा खरीदते समय कुछ बातो का ध्यान रखें। इसको खरीदते समय इसके पीछे लगी लकड़ी की टहनी या डंडी के निशान को जरूर देखें। जो कि असली सालम पंजा की निशानी है। मार्केट में मैदे से तैयार किए गए नकली सालम पंजा को ओरिजिनल बताकर बेच दिया जाता है। इसलिए इसे खरीदते समय सावधानी बरतें, अपने घर के नजदीकी विश्वसनीय दुकान से इसे खरीदें।

8. विदारीकंद जड़ी बूटी 

  • विदारीकंद (Vidarikand herb) का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से शरीर की कमजोरी को खत्म किया जा सकता है। साथी फटिक लेवल को भी कम किया जा सकता है।
  • सेक्सुअल लाइफ को बेहतर करने के लिए विदारीकंद का प्रयोग काफी समय से किया जाता रहा है। जिन लोगों में संभोग की इच्छा खत्म हो जाती है या थक जाते हैं। उनके लिए विदारीकंद का सेवन करना लाभकारी होता है।
  • टेस्टोस्टरॉन लेवल को बूस्ट करने के लिए भी विदारीकंद का सेवन फायदेमंद होता है इसके अलावा इस्पर्म को गाढ़ा करने में उपयोगी है।
  • विदारीकंद को सेवन करने का सही तरीका।

विदारीकंद को सुखाकर ग्राइंडर में पीसकर पाउडर बना लें।  दिन भर में 3 से 6 ग्राम की मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं। पानी के साथ शहद मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है।

9. काली मूसली जड़ी बूटी

(black musli herb)

काली मूसली (black musli herb) औषधीय गुणों से भरपूर होती है। यह स्वाद में थोड़ी मीठी और थोड़ी कड़वी होती है। इस की तासीर गर्म होती है। और इसके पत्ते दिखने में ताड़ के पत्ते जैसे होते हैं। इस पर खिलने वाले फूल का रंग पीला होता है। इसी वजह से इसे स्वर्ण पुष्पी या फिर हिरण्य पुष्पी के नाम से भी जाना जाता है।

  • काली मूसली का प्रयोग काम इच्छा की कमी को दूर करने के लिए भी किया जाता है। यह स्पर्म अकाउंट को बढ़ाता है। दिन में एक बार काली मूसली का चूर्ण दूध के साथ सेवन करने से शुक्राणुओं की कमी दूर होती है।
  • धात रोग से पीड़ित लोगों के लिए काली मूसली का चूर्ण और धागा मिश्री का चूर्ण बराबर मात्रा में मिक्स कर लें सकते है। इस चूर्ण को सुबह-शाम लेने से धात रोग से संबंधित समस्या दूर होती है।

इसके अलावा काली मूसली कई प्रकार के रोगों को दूर करने में कारगर मानी जाती है। यह यूरिन से जुड़ी समस्या से भी छुटकारा दिलाने में उपयोगी मानी जाती है।

10. कीड़ा जड़ी बूटी

caterpillar fungus प्रति किलो ग्राम कीड़ा जड़ी की कीमत 60 लाख रुपए है, जो सोने के आभूषण से भी मांगी है।

सबसे ताकतवर जड़ी बूटी- हिमालय क्षेत्र में पाई जाने वाली इस जड़ी बुटी को कीड़ा जड़ी के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी में ऐसे कैटरपिलर फंगस के नाम से जाना जाता है, और तिब्बत में इसे यार्सागुंबा कहते हैं। इस कीड़ा जड़ी को कैंसर और पुरुषों के नपुंसकता को दूर करने के लिए किया जाता है। 

इसके अलावा इसका इस्तेमाल और भी अन्य बीमारियों में किया जाता है। यह एक तरह का जंगली मशरूम है, जो हैपील्स फैब्रिक्स नाम के कीड़े पर उगता है। इसका आधा हिस्सा कीड़े जैसा दिखता है। और आधा जड़ की तरह होता है। इसी वजह से भारत में इसका नाम कीड़ा जड़ी पड़। इसका वैज्ञानिक नाम कॉर्डिसेप्स साइनेसिस है।

यह उत्तराखंड के पहाड़ों में  3500 से 5000 फीट की ऊंचाई पर पाया जाता है।

  • मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए इस जड़ी बूटी का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसका सेवन शुक्राणु की वृद्धि के लिए भी किया जाता है।
  • इसमें रोग नाशक गुण होने के कारण इंटरनेशनल मार्केट में इसकी डिमांड बहुत बढ़ गई है इसे खिलाड़ी भी स्टेमिना बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। चीन में इसकी अच्छी खासी डिमांड है।

यह सभी जड़ी बूटियां सबसे ताकतवर जड़ी बूटियां मानी जाती हैं। लेकिन इनका सेवन करने से पहले आप जड़ी-बूटी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। इन सभी जड़ी बूटियों की तासीर गर्म होती है, जो की जानकारी के अभाव में स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचा सकती है। इसके अलावा यह कई प्रकार की बीमारियों के लिए अलग-अलग क्वांटिटी में इस्तेमाल किया जाता है इसलिए जड़ी-बूटी विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।

11. जंगली जड़ी बूटी की पहचान और फायदे

जंगली जड़ी बूटी की पहचान करना मुश्किल नहीं है। यह जमीन पर होती है और मनी प्लांट की तरह डंडे पर या पेड़ पर फैलती है। यह जंगली जड़ी बूटी 50 से 60 फिट पेड़ पर भी चढ़ जाती है। यह इमली से भी खट्टी होती है। इसलिए संस्कृत में इसे अत्यमलपर्णी और अम्लपत्रा के नाम से जाना जाता है। इसका हिंदी नाम गीदड़ दाख है। इसके पत्ते तीन तीन के गुच्छे में और कंग्निदार होते हैं। इस पर मटर के आकार वाले फल लगते हैं। जो कच्चा होने पर हरे होते हैं और पकने के बाद घहरे बैंगनी रंग या काले रंग में बदल जाते हैं। इस जंगली जड़ी बूटी का योग कैसे करते हैं आइए जानते हैं। 

बुखार में गीदड़ दाग का प्रयोग

  • इसके कुछ पत्तों को पीसकर पानी में उबालकर काढ़ा जाता है। इस काढ़े को बुखार के रोगियों को दिया जाता है। जिससे उनका बुखार जल्द से जल्द उतर जाता है।
  • बालों में रुसी के लिए इसके तने को पीसकर अनानस के रस के साथ लगाएं। यह उपाय रूसी खत्म करने में कारगर है।
  • गीदड़ दाख के कंठ का पाउडर बनाकर दूध के साथ लेने से टूटी हुई हड्डियां जुड़ती है।
  • डायबिटीज के रोगियों को घाव लगने पर जल्द नहीं भरते है। गीदड़ दाख की पत्तियों पीसकर डायबिटीज वाले लोगों के घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।
  • जंगली दाख की पतियों को गर्म करके फोड़े पर लगाने से फोड़े की सूजन कम हो जाती है।

देसी जड़ी बूटी के नाम

  • सफेद मूसली 
  • आकरका ईरानी 
  • शिलाजीत शॉर्ट 
  • अश्वगंधा 
  • गोंद कतीरा 
  • डायमंड सफेद 
  • मूसली सेमल 
  • शकाकुल मिश्री 
  • सालम मिश्री 
  • ताल मखाना बीज 
  • बीजबंद 
  • रूमी मस्तगी 
  • तुलसी के बीज 
  • तबाशीर 
  • सिंघाड़ा खुश 
  • काली कौंच बीज 
  • जायफल 
  • जावित्री 
  • सतावर 
  • काली मिर्च के बीज 
  • विदारीकंद 
  • चांदी वर्क 
  • कुंदरू गोंद 
  • प्याज के बीज 
  • चंदन 
  • सालम पंजा 
  • बड़ी पीपल 
  • सालम गट्टा

FAQ

दुनिया की सबसे महंगी जड़ी बूटी कौन सी है?

दुनिया का सबसे महंगी जड़ीबूट कीड़ा जड़ी बूटी है। जिसे हिमालय वियाग्रा भी कहा जाता है। इसका मूल्य 60 लाख रूपये किलो है।

जड़ी बूटियों का राजा कौन है?

भृंगराज (Bhringraj) को जड़ी बूटियों का राजा कहा जाता है। यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। जिसे सीक्रेट जड़ी बूटी के रूप में देखा जाता है।

ताकत की जड़ी बूटी कौन सी है?

अश्वगंधा और शतावरी एक ताकतवर जड़ी बूटी के रूप में मानी जाती है। इन जड़ी बूटियों का इस्तेमाल बॉडीबिल्डिंग में भी किया जाता है।

तंत्रिका जड़ी-बूटी

तंत्रिका जड़ी बूटी से वशीकरण भी किया जाता है। जिसे उर्दू में मदार और गुजराती में आंकड़ा कहा जाता है। इस पौधे की ऊंचाई 6-7 फुट और झाड़ी 4-5 फुट चारों ओर फैली होती है।

बेहोश करने वाली जड़ी बूटी कौन सी है?

गलती से भी इस पौधे को सूंघने की भूल मत करना वरना हो सकते है बिहोशभर बेहोश
आक के पौधे शुष्क, उसर और ऊंची जगहों पर उगता हैं। इस पौधे या फिर इसे वनस्पति भी कह सकते है। जिसको लेकर साधारण समाज के अंदर यह भ्रान्ति फैली हुई है। कि आक का पौधा विषैला होता है और इसके सेवन मात्र से किसी की मौत भी हो सकती है।

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