giloy ke fayde | गुण उपयोग 17 amazing benefits of giloy

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Giloy ke fayde गिलोय के फायदे, उपयोग एवं नुकसान

दोस्तों गिलोय का इस्तेमाल प्राचीन काल से औषधि के रूप में किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल अलग-अलग प्रकार की बीमारियों में किया जाता है।

गिलोय कौन-कौन सी बीमारियों में काम आती है। आज हम आपको गिलोय के फायदे (giloy ke fayde) उपयोग एवं नुकसान बताएंगे। साथ ही गिलोय का सेवन कितने दिन करना चाहिए। गिलोय से जुड़ी सभी जानकारियों के लिए लेख को पूरा पढ़ें और अपने ज्ञान में वृद्धि करें।

1. गिलोय क्या है? (What is Giloy in Hindi?)

गिलोय एक बैल है या फिर इसे औषधि भी कह सकते है। जिसे आयुर्वेद में यथा, अमृता, गुड्डची, छिन्नरुहा और चकांगी नामों से जाना जाता है।

इसके पत्ते गुच्छों में निकलते हैं, जो दिखने में पान के पत्ते की तरह होते हैं। इसमें फूल गर्मी के मौसम में छोटे-छोटे पीले रंग के निकलते हैं। इसके वृक्ष में फल भी गुच्छों में ही पैदा होते हैं तथा दिखने में फल टमाटर के आकार के होते हैं। पकने के बाद इसका रंग गाढ़ा लाल हो जाता है।

2. न्यूट्रिएंट्स इन गिलोय (Nutrients in Giloy in Hindi)

अलकालोइड्सalkaloids
बायोकेमिकलbiochemical
कैल्शियमcalcium
कार्बcarb
डाइवर्सdiverse
फाइबरfiber
फ्लेवोनॉयडflavonoids
ग्लाइकोसाइडglycosides
आयरनIron
लाइगन्सlignans
फॉयतोचेमिकल्सphytochemicals
फाइटोस्टेरॉल्सphytosterols
प्रोटीनprotein
विटामिन एVitamin A
विटामिन सीvitamin C

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3. गिलोय के अन्य भाषाओं में नाम (Names of Giloy in other languages in Hindi)

Giloy in Hindi– गडुची, गिलोय, अमृता
Giloy in English – इण्डियन टिनोस्पोरा (Indian tinospora), हार्ट लीव्ड टिनोस्पोरा (Heart leaved tinospora), मून सीड (Moon seed), गांचा टिनोस्पोरा (Gulancha tinospora); टिनोस्पोरा (Tinospora)
Giloy in Kannada – अमृथावल्ली(Amrutavalli), अमृतवल्ली (Amritvalli), युगानीवल्ली (Yuganivalli), मधुपर्णी (Madhuparni)
Giloy in Sanskrit – वत्सादनी, छिन्नरुहा, गुडूची, तत्रिका, अमृता, मधुपर्णी, अमृतलता, छिन्ना, अमृतवल्ली, भिषक्प्रिया
Giloy in Bengali – गुंचा (Gulancha), पालो गदंचा (Palo gandcha), गिलोय (Giloe)
Giloy in Oriya – गुंचा (Gulancha), गुलोची (Gulochi)
Giloy in Gujarati – गुलवेल (Gulvel), गालो (Galo)
Giloy in Tamil – अमृदवल्ली (Amridavalli), शिन्दिलकोडि (Shindilkodi)
Giloy in Goa – अमृतबेल (Amrytbel)
Giloy in Telugu – तिप्पतीगे (Tippatige), अमृता (Amrita), गुडूची (Guduchi)
Giloy in Punjabi – गिलोगुलरिच (Gilogularich), गरहम (Garham), पालो (Palo)
Giloy in Nepali – गुर्जो (Gurjo)
Giloy in Malayalam – अमृतु (Amritu), पेयामृतम (Peyamrytam), चित्तामृतु (Chittamritu)
Giloy in Marathi – गुलवेल (Gulavel), अम्बरवेल(Ambarvel)
Giloy in Persian – गुलबेल (Gulbel), गिलोय (Giloe)
Giloy in Arabic – गिलो (Gilo)
Giloy in Ukrainian- हिलोय (Hiloy)
Giloy in Russian- गिलोय (Giloy)
Giloy in armenian- गिलोयी (Giloyy)

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4. गिलोय के फायदे (benefits of giloy in Hindi)

गिलोय के फायदे तथा इसके औषधीय गुण कई तरह की बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आपको यह जानना भी जरूरी है। कई बीमारियों में गिलोय के नुकसान से सेहत पर फर्क पड़ सकता है। इसलिए गिलोय का सेवन की मात्रा तथा इसका इस्तेमाल का तरीका सही से मालूम होना चाहिए।

1. बुखार के कारण उल्टी में giloy ke fayde

को इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • 20 से 30 मिली गिलोय का काढ़ा बना लें
  • अब इसमें जरूरत अनुसार शहद डाल लें
  • अब इसका मिश्रण का सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय से बुखार में होने वाली उल्टी में तुरंत लाभ मिलता है। उल्टी में गिलोय का लाभ लेने के लिए सही तरह से सेवन करना जरूरी है।

2. कब्ज में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • गिलोय 
  • सौंठ 
  • मोथा 
  • अतीस
  • इन सभी सामग्री को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना ले 
  • अब 20 से 30 मिली की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है

गिलोय तथा अन्य सामग्री के औषधि गुण आपात एवं कब्ज की समस्या को कम करने में सहायक है। कब्ज में गिलोय का लाभ लेने के लिए। इसका सही से प्रयोग करना जरूरी है।

3. आंखों के रोग के लिए दूसरा उपाय

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • गिलोय के रस में त्रिफला डालकर काढ़ा बना लें।
  • काढ़ा 10 से 20 मिलीग्राम होना चाहिए।
  • अब इसमें पीपली चूर्ण और शहद मिला लें।
  • तैयार मिश्रण को सुबह शाम सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

कैसे फायदेमंद है

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए यह उपाय काफी लाभदायक है। यदि प्रतिदिन इसका सेवन किया जाए, तो आंखों की रोशनी से जुड़ी समस्या दूर होती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा, गिलोय का सेवन सीमित मात्रा में करने से इसके लाभ अच्छे से मिलता है।

4. आंख के रोग में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और पियो

  • 10 ग्राम गिलोय के रस लें। 
  • 1 ग्राम शहद लें।
  • 1 ग्राम सेंधा नमक लें।
  • अब इन सभी मिश्रण को अच्छी तरह से सीख लें। 
  • तैयार होने के बाद उसे काजल की तरह आंखों में लगाएं।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय से आंखों में अंधेरा छाना, आंखों में चुभन और आंखों का कालापन तथा सफेद मोतियाबिंद रोग में फायदेमंद है।

5. हिचकी रोकने में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • एक चुटकी गिलोय चूर्ण लें।
  • एक चुटकी शार्ट चूर्ण लें। 
  • इन दोनों चूर्ण को आपस में मिक्स कर लें। 
  • इन दोनों मिश्रण को ढूंढने से हिचकी बंद हो जाती है।

कैसे फायदेमंद है

गिलोय का चूर्ण और सोंठ का चूर्ण मिक्स करके सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है। इसका सही मात्रा में प्रयोग करने से आपको अवश्य लाभ होगा। यदि आपको लगातार हिचकी की समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। क्योंकि यह परमानेंट समाधान नहीं है।

6. टीवी के रोग में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • गिलोय 
  • अश्वगंधा पाउडर 
  • सतावर पाउडर
  • दशमूल लें
  • बलामूल्य
  • अडूसा 
  • पोहकरमूल
  • अतीस 
  • इन सभी को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें
  • अब इस काढ़े को सुबह शाम 20 30 मिली पीए।

कैसे फायदेमंद है

गिलोय के गुण और बाकी सामग्री के साथ मिलकर टीवी की बीमारी ठीक करने में लाभदायक है। टीवी से छुटकारा पाने के लिए यह उपाय काफी फायदेमंद है। लेकिन यह नेचुरल तरीके से टीवी को ठीक करता है। यदि आपको टीवी से जुड़ी गंभीर समस्या है, तो टीवी विशेषज्ञ डॉक्टर से जरूर परामर्श तथा मेडिकल उपचार लें।

7. कान की बीमारी में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • पानी में घिसकर गिलोय के तने को गुनगुना कर लें। 
  • दिन में दो बार दो-दो बूंद कान में डालें।

कैसे फायदेमंद है

यह उपाय कान में जमा गंद को बाहर निकालने में मदद करता है। यदि गिलोय का इस्तेमाल सही से किया जाए तो इससे अच्छे लाभ हो सकते हैं। गिलोय में ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं। जो बिना किसी नुकसान पहुंचाए कान से मैल निकालने में सहायक है।

8. एसिडिटी के कारण उल्टी में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • 10 मिली गिलोय रस लें
  • 4 से 5 ग्राम मिश्री लें 
  • इन दोनों का मिश्रण बना लें 
  • इस मिश्रण का सुबह शाम सेवन करें

कैसे फायदेमंद है

इस मिश्रण को सुबह शाम पीने से एसिडिटी के कारण होने वाली उल्टी में लाभ मिलता है। 

8. बवासीर में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • गिलोय 
  • हरड़ 
  • धनिया
  • इन तीनों को 20-20 ग्राम की बराबर मात्रा में लें। 
  • अब इन सभी को आधा लीटर पानी पका लें।
  • पानी एक चौथाई मात्रा में रह जाने तक पकाए तथा काढ़ा बनाएं।
  • इस काढ़े में गुड़ की शक्कर डालकर पीये।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय के औषधीय गुण बाबासीर रोग को ठीक करने में कारगर हैं। गिलोय का सही से इस्तेमाल किया जाए तो बाबा से जल्द छुटकारा मिल सकता है। पढ़ना जारी रखें

पीलिया रोग में गिलोय कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। पीलिया रोग में गिलोय अद्भुत औषधीय के रूप में काम करता है। आइए जान लेते हैं, यह किस प्रकार से पीलिया रोग में फायदा पहुंचा सकता है।

9. पीलिया रोग में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • गिलोय का काढ़ा बना ले
  • अब इसमें दो चम्मच शायद मिला लें
  • 20 से 30 मिली काढा दिन में तीन से चार बार पिए।

कैसे फायदेमंद है

गिलोय के साथ शहद मिलाकर पीने से पीलिया रोग ठीक होता है। यह औषधि के रूप में पीलिया रोग को ठीक करने में सहायक है।

उपाय नंबर 2

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • गिलोय के 15 से 20 तक के पीस लें
  • एक गिलास छाछ लें
  • दोनों को मिलाकर छान लें 
  • फिर इसे सुबह के समय पिए।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय के औषधि गुण से पीलिया रोग ठीक होता है। पीलिया में उसका फायदा लेने के लिए आपको इसका प्रयोग सही करना होगा।

उपाय नंबर 3

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • गिलोय 
  • पुनर्नवा
  • नीम की छाल
  • पटोल के पत्ते 
  • सौंठ 
  • कुटकी 
  • दारूहल्दी 
  • हरड़
  • इन सभी सामग्री को 20 ग्राम की मात्रा में लें।
  • अब 320 मिली पानी में पकाकर काढ़ा बना लें। 
  • इस काढे को 20 मिली सुबह शाम पिए।

कैसे फायदेमंद है

यह उपाय पीलिया के साथ साथ हर प्रकार की सूजन में लाभदायक है। इसके अलावा पेट के रोग, बलगम के दर्द, सांस उखड़ना और खून की कमी में फायदेमंद है।

उपाय नंबर 4

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • 1 लीटर गिलोय का रस लें 
  • 250 ग्राम गिलोय का पेस्ट लें 
  • 4 लीटर दूध ले 1 किलो घी लें।
  • इन सभी को धीमी आंच पर पका लें। 
  • जब केवल घी रह जाए तो छानकर रख लें। 
  • इस घी को 4 गुना मात्रा में गाय के दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है

इस प्रयोग को औषधि गुण पीलिया रोग के साथ-साथ हाथ पांव के रोग में लाभदायक होता है। इस उपाय का लाभ लेने के लिए अच्छे से करें।

11. लिवर रोग में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और प्रयोग

  • 18 ग्राम ताजी ग्लोरी लें 
  • 2 ग्राम अजमोद लें 
  • 2 छोटी पिपली लें 
  • 2 नीम लें
  • इन चारों को 250 मिली पानी में मिट्टी के बर्तन में रात भर ढककर रख दें।
  • सुभान सभी को पीसकर छानकर पी लें।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय का प्रयोग 15 से 30 दिन तक करना चाहिए यह लीवर और पेट से जुड़ी शिकायत दूर करता है। इसके अलावा अपच को भी ठीक करने में सहायक है।

डायबिटीज के रोग में गिलोय का प्रयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। यह मधुमेह को नियंत्रित करने के सहायक है। कौन-कौन से उपाय द्वारा मधुमेह के लिए लाभदायक है। आइए जान लेते हैं। 

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12. मधुमेह में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • गिलोय 
  • खस 
  • पठानी लोध्र 
  • अंजन 
  • लाल चंदन 
  • नागरमोथा 
  • आंवला 
  • हरड़
  • पद्मकाष्ठ
  • परवल की पत्ती 
  • नीम की छाल
  • इन सभी को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर छान लें।
  • इस चूर्ण को 10 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ दिन में तीन बार सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है

इस प्रयोग में ऐसे द्रवों का इस्तेमाल किया गया है जिससे डायबिटीज को नियंत्रण करने में मदद मिलती है। इसीलिए यह उपाय मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक है।

मधुमेह के लिए उपाय नंबर 2

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • गिलोय का रस लें।
  • शहद लें।
  • इन दोनों को 10 से 20 मिली की मात्रा में दिन में दो से तीन बार पिए।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय के औषधि गुण पर डायबिटीज में लाभ मिलता है।

मधुमेह का उपाय नंबर 3

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • 10 ग्राम गिलोय का रस दिन में एक से दो बार पिए।

कैसे फायदेमंद है

दिन में 10 मिली गिलोय का रस पीने से मधुमेह तथा वात के रोगों के कारण होने वाले बुखार तथा टाइफाइड के बुखार में लाभ मिलता है।

13. मूत्र रोग में giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • 20 मिलीग्राम का रस लें।
  • 2 ग्राम पाताल भेजो रन लें।
  • एक चम्मच शहद लें।
  • अब इन तीनों को मिश्रण बना लें।
  • इस मिश्रण को दिन में 3 से 4 बार सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय को दिन में तीन से चार बार लेना चाहिए। जिससे रुक रुक कर पेशाब आने की समस्या में लाभ होता है।

14. फाइलेरिया मैं giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • 10 से 20 मिली गिलोय का रस लें 
  • 30 मिली सरसों का तेल लें
  • अब इन दोनों को मिक्स कर लें
  • इस मिश्रण को सुबह शाम खाली पेट पिए।

कैसे फायदेमंद है

इस मिश्रण को सुबह-शाम खाली पेट पीने से हाथ पांव या फाइलेरिया रोग में आराम मिलता है।

15. कुष्ठ रोग में गिलोय के फायदे

इस उपाय को बनाने की विधि और प्रयोग

  • 10 से 20 मिली गिलोय का रस लें
  • इस रस को नियमित रूप से कुछ महीनों तक पिए

कैसे फायदेमंद है

10 से 20 मिली की मात्रा में गोरी का रस पिलाने से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है।

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गिलोय के कई बीमारियों में अद्भुत फायदे देखे जाते हैं। इसका प्रयोग बुखार उतारने के लिए भी किया जाता है। आइए नीचे की ओर बढ़ते हैं। बुखार में इसका किस उपयोग कितने प्रकार से उपयोग किया जा सकता है।

16. बुखार उतारने के लिए giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और प्रयोग

  • 40 ग्राम गिलोय को अच्छे से मसल लें। 
  • मसलने के बाद इसे मिट्टी के बर्तन में रख दें।
  • अब 250 से मिली पानी में रात भर के लिए ढक कर छोड़ दें।
  • सुबह के समय इसे बदलने के बाद जान लें।
  • दिन में 3 बार 20 मिली की मात्रा में सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय को 20 मिली की मात्रा में दिन में तीन बार लेने से पुराने से पुराना बुखार ठीक हो जाता है।

बुखार उतारने के लिए उपाय नंबर 2

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • 20 मिनट लोई का रस लें 1 ग्राम पिपली का चूर्ण ले एक चम्मच शहद लें।
  • इन तीनों का मिश्रण बना लें।
  • इस मिश्रण को सुबह और शाम सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय से पुराना बुखार, तिल्ली बढ़ना, खांसी, अरुचि आदि रोग की समस्या ठीक हो जाती है।

बुखार उतारने के लिए उपाय नंबर 3

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • गिलोय 
  • मुनक्का 
  • गम्भारी 
  • सारीवा
  • त्रायमाण
  • इन सभी सामग्री को 20 से 30 मिली में गुड़ मिलाकर काढ़ा बना लें।
  • बराबर की मात्रा में गुडूची और सतावरी के रस को 10 से 20 मिली में गुड़ डालकर पिए।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय को पीने से वात के कारण होने वाले बुखार मैं आराम मिलता है।

17. एसिडिटी giloy ke fayde

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • 10 से 20 मिली गिलोय रस लें।
  • गुड़ लें।
  • मिश्री लें।
  • इस मिश्रण का सेवन एसिडिटी में करें।

कैसे फायदेमंद है

एसिडिटी होने पर इस मिश्रण को पीने से लाभ मिलता है।

एसिडिटी में उपाय नंबर 2

इस उपाय को बनाने की विधि और उपयोग

  • 10 से 20 मिली गिलोय ले 
  • अडूसा छल लें
  • अब इसे आधा लीटर पानी में पकाकर काढ़ा बना लें।
  • ठंडा होने पर 10 से 30 मिली काढ़े को शहद में मिलाकर पिए।

कैसे फायदेमंद है

इस उपाय से सूजन, सूखी खांसी, तेज सांस चलना, बुखार तथा एसिडिटी की बीमारी में लाभदायक है।

5. गिलोय के नुकसान (Disadvantages of Giloy in Hindi)

गिलोय कई बीमारियों में फायदा पहुंचाता है इसके कई लाभ हैं तो कुछ नुकसान भी हैं।

  • जिन लोगों कम डायबिटीज की शिकायत है, उन्हें गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए।

गिलोय जूस कब पीना चाहिए

गिलोय जूस का सेवन हमेशा खाली पेट क्या जाना चाहिए। लेकिन अलग-अलग बीमारियों में इसे अलग अलग तरीके से सेवन किया जाता है।

नीम गिलोय तुलसी के फायदे

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए तथा पैरों में जलन होने पर गिलोय का स्माल किया जाता है। यह पीलिया और एनीमिया जैसी बड़ी बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी का इस्तेमाल जुकाम, बुखार, कब्ज तथा पेट से संबंधित रोगों में किया जाता है। नीन में पाए जाने वाले औषधि गुण वायरस संक्रमण में फायदेमंद होता है।

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